बवासीर एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे इंसान के रोज़मर्रा के जीवन को बेहद मुश्किल बना देती है। गुदा में सूजन, जलन, दर्द और कभी-कभी खून आना इसके आम लक्षण हैं। एलोपैथिक इलाज से कुछ समय राहत तो मिलती है, लेकिन समस्या बार-बार लौट आती है। सर्जरी से डरने वाले लोग अब आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि यह बिना ऑपरेशन के लंबे समय तक आराम देता है। इस लेख में हम जानेंगे ऐसी 7 असरदार आयुर्वेदिक बवासीर की दवा, जिन्हें सही तरीके से लेने पर बवासीर की गारंटी की दवा भी कहा जाता है।
राजेश नाम के व्यक्ति को कई सालों से बवासीर थी। एलोपैथिक दवाओं से आराम नहीं मिला, लेकिन जब उन्होंने त्रिफला गुग्गुल और अर्शकल्प जैसी दवाएं लेनी शुरू कीं, तो कुछ ही हफ्तों में सूजन और खून आना बंद हो गया। आज वे पूरी तरह ठीक हैं और मानते हैं कि आयुर्वेद ही बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज है।
बवासीर की 7 आयुर्वेदिक दवाएं – Bawaseer Ki Ayurvedic Dawa
आयुर्वेदिक दवाएं आमतौर पर सुरक्षित और किफायती होती हैं, लेकिन हर दवा की मात्रा (डोज़) व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करती है। बिना सलाह के अधिक मात्रा में लेना कभी-कभी शरीर पर उल्टा असर डाल सकता है। इसलिए किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन शुरू करने से पहले योग्य वैद्य या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।
1. त्रिफला गुग्गुल – बवासीर की गारंटी की दवा
त्रिफला गुग्गुल एक आयुर्वेदिक दवा है जो बवासीर में बहुत फायदेमंद मानी जाती है। यह हरितकी, बिभीतकी और अमलकी से बनाई जाती है। यह दवा शरीर को साफ करती है और पाचन को ठीक रखती है। बवासीर का सबसे बड़ा कारण कब्ज होता है, और यह दवा उसे दूर करती है।
जब पेट साफ रहता है तो मल त्याग में जोर नहीं लगता। इससे गुदा में सूजन और जलन नहीं होती। त्रिफला गुग्गुल मल को नरम करता है और बवासीर की गांठों पर दबाव नहीं पड़ने देता। इसलिए इसे बवासीर की गारंटी की दवा और बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज भी कहा जाता है।
मुख्य लाभ:
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कब्ज को जड़ से खत्म करता है
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मल को नरम और बाहर निकालने में आसान बनाता है
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गुदा की सूजन और जलन कम करता है
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पुराने बवासीर रोगियों को राहत देता है
सेवन विधि:
भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ 1–2 गोली रोज लें। डॉक्टर की सलाह से सेवन करना बेहतर रहेगा।
2. कांकायन वटी – बवासीर की सूजन और खून रोकने वाली दवा
कांकायन वटी एक खास आयुर्वेदिक दवा है जो बवासीर की गांठों को धीरे-धीरे सुखा देती है। यह दवा शरीर के अंदर जमा दोषों को संतुलित करती है और मल मार्ग में आई सूजन को कम करती है। यह दवा खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है जिन्हें खून आता है या दर्द बना रहता है।
यह दवा बवासीर के दर्द, जलन और खुजली में राहत देती है। नियमित सेवन से गांठें छोटी होने लगती हैं और मल त्याग में तकलीफ कम होती है। इसलिए इसे कई वैद्य बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज मानते हैं। यह एक प्रभावी और पुरानी बवासीर की गारंटी की दवा है।
मुख्य लाभ:
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खून आना बंद करता है
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सूजन और जलन में राहत देता है
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गांठों को सुखाता है
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दोबारा बवासीर बनने से बचाता है
सेवन विधि:
दिन में दो बार भोजन के बाद 1–2 गोली गुनगुने पानी से लें।
3. अंजीर – पेट साफ रखने वाली प्राकृतिक औषधि
अंजीर एक मीठा और नरम फल है, लेकिन आयुर्वेद में यह एक बहुत ही असरदार औषधि मानी जाती है। यह पेट को साफ करता है और कब्ज को जड़ से खत्म करता है, जो बवासीर का मुख्य कारण है।
अंजीर खाने से मल नरम रहता है और गुदा में जोर नहीं लगता। इससे सूजन और दर्द नहीं बढ़ता। रोजाना अंजीर लेने से बवासीर में काफी राहत मिलती है। इसे घरेलू रूप से अपनाया जा सकता है और यह बवासीर की एक सरल और सुरक्षित दवा मानी जाती है।
मुख्य लाभ:
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कब्ज को दूर करता है
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पेट साफ रखता है
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मल को नरम बनाता है
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सूजन और जलन में आराम देता है
सेवन विधि:
रात को 2–3 सूखे अंजीर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट खाएं।
4. मंजिष्ठा – खून को साफ करने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी
मंजिष्ठा एक प्रसिद्ध रक्तशोधक औषधि है जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालती है। जब शरीर का खून साफ होता है तो सूजन और जलन में आराम मिलता है, जो बवासीर में बहुत जरूरी होता है।
यह दवा बवासीर की गांठों को कम करने में मदद करती है और अंदरूनी जलन से राहत दिलाती है। इसके सेवन से घाव जल्दी भरते हैं। इसलिए इसे भी कई वैद्य बवासीर की गारंटी की दवा मानते हैं, खासकर जब बवासीर खून के साथ हो।
मुख्य लाभ:
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खून को शुद्ध करता है
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सूजन को कम करता है
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अंदरूनी घाव जल्दी भरता है
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पुरानी बवासीर में राहत देता है
सेवन विधि:
मंजिष्ठा चूर्ण को सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लें या डॉक्टर की सलाह के अनुसार सेवन करें।
5. हरीतकी – पाचन सुधारने और कब्ज मिटाने वाली दवा
हरीतकी एक बहुत ही सरल और प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधि है। यह आंतों की सफाई करती है और कब्ज को जड़ से खत्म करती है। जब पेट साफ होता है, तो बवासीर में जल्दी राहत मिलती है।
यह दवा मल को नरम बनाती है और जोर लगने से रोकती है। इससे गुदा में सूजन नहीं बढ़ती। यही वजह है कि हरीतकी को बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज भी कहा जाता है। यह बवासीर की दवा के रूप में बेहद उपयोगी है।
मुख्य लाभ:
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कब्ज को ठीक करता है
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मल को आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है
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बवासीर की शुरुआत को रोकता है
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पाचन तंत्र को मजबूत करता है
सेवन विधि:
रात को सोने से पहले आधा चम्मच हरीतकी चूर्ण गुनगुने पानी से लें।
6. सूरन – खून वाली बवासीर के लिए असरदार औषधि
सूरन जिसे जिमीकंद भी कहा जाता है, बवासीर में बहुत फायदेमंद माना गया है। यह सूजन को कम करता है और रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है। यह खासतौर पर खून वाली बवासीर (ब्लीडिंग पाइल्स) में असर करता है।
सूरन के चूर्ण या गोली का सेवन करने से आंतों को मजबूती मिलती है। यह बवासीर की गांठों को भी छोटा करता है। आयुर्वेद में इसे बवासीर की गारंटी की दवा के रूप में जाना जाता है।
मुख्य लाभ:
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खून आना रोकता है
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गांठों को सूखाता है
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आंतों को मजबूत बनाता है
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सूजन में राहत देता है
सेवन विधि:
सूरन का चूर्ण दिन में दो बार गुनगुने पानी से लें या डॉक्टर की सलाह से।
7. अर्शकल्प – बवासीर के लिए संपूर्ण आयुर्वेदिक समाधान
अर्शकल्प एक तैयार आयुर्वेदिक दवा है जिसमें कई जड़ी-बूटियाँ मिलाई जाती हैं। यह बवासीर के लगभग सभी लक्षणों जैसे – दर्द, जलन, खून आना, सूजन – को एक साथ ठीक करने में मदद करती है।
यह दवा बवासीर की गांठों को सुखाती है और मल को भी सरल बनाती है। यह बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज मानी जाती है क्योंकि इसके सेवन से रोग दोबारा नहीं होता। यह एक भरोसेमंद और प्रभावी बवासीर की दवा है।
अर्शकल्प एक मिश्रित आयुर्वेदिक दवा है जिसमें कई जड़ी-बूटियाँ होती हैं। यह दर्द, सूजन, खून और गांठों – सभी पर एक साथ काम करती है।
यह दवा पुराने से पुराने बवासीर रोगियों को राहत देती है और दोबारा रोग नहीं होने देती।
मुख्य लाभ:
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दर्द, सूजन और जलन में राहत देता है
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गांठों को सुखाता है
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खून आना बंद करता है
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बवासीर को जड़ से ठीक करता है
सेवन विधि:
दिन में दो बार भोजन के बाद 1–2 गोली गुनगुने पानी से लें।
पाइल्स डिटॉक्स –बवासीर की गारंटी की दवा
अगर आप कई सालों से बवासीर की परेशानी झेल रहे हैं और एलोपैथिक दवाओं या घरेलू नुस्खों से राहत नहीं मिल रही है, तो अब समय है एक भरोसेमंद समाधान अपनाने का। पाइल्स डिटॉक्स एक शुद्ध आयुर्वेदिक दवा है, जो बवासीर की जड़ पर काम करती है और बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत देती है।
पाइल्स डिटॉक्स क्यों असरदार है?
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यह दवा कब्ज को जड़ से खत्म करती है
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सूजन, जलन और खून आना धीरे-धीरे कम होता है
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बवासीर की गांठें सूखने लगती हैं
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शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालती है
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पूरी तरह प्राकृतिक, बिना किसी नुकसान के
पाइल्स डिटॉक्स को हजारों लोगों ने आज़माया है और उन्हें इससे काफी आराम मिला है। अगर आप भी बिना सर्जरी बवासीर से राहत चाहते हैं, तो एक बार पाइल्स डिटॉक्स को जरूर आज़माएँ।
निष्कर्ष
अगर आप लंबे समय से बवासीर की समस्या से जूझ रहे हैं और बार-बार इलाज करवाने के बावजूद राहत नहीं मिल रही, तो आयुर्वेद आपके लिए एक स्थायी समाधान हो सकता है। ऊपर बताई गई दवाएं सिर्फ लक्षणों पर नहीं, बल्कि बवासीर की जड़ पर असर करती हैं — बिना किसी साइड-इफेक्ट के।
यह कहना गलत नहीं होगा कि इनमें से कई दवाएं बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज साबित हो सकती हैं। लेकिन ध्यान रखें, हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है। इसलिए किसी भी बवासीर की दवा को शुरू करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य या वैद्य की सलाह अवश्य लें, ताकि आपको सही मात्रा और सही दिशा मिल सके।
